भोपाल/मुरैना।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मुरैना ज़िले के सबलगढ़ एसडीएम अरविंद माहौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। यह कार्रवाई एक युवती से अभद्र भाषा में बातचीत और परिवार को धमकाने संबंधी गंभीर शिकायतों के आधार पर की गई है। सीएम ने यह आदेश अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर साझा किए।
क्या है मामला?
जनसुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार ने मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना को एक वीडियो साक्ष्य के साथ शिकायत सौंपी। परिवार का आरोप है कि एसडीएम माहौर, पिछले एक साल से उनकी बेटी को फोन कर रहे थे और अभद्र बातें कहते थे। जब युवती ने बातचीत बंद कर दी, तो उन्होंने परिजनों और रिश्तेदारों को भी धमकाना शुरू कर दिया।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि एसडीएम ने उनके देवर की दुकान पर जाकर खुलेआम धमकी दी कि “तेरी बेटी और तेरी भाभी में बहुत गर्मी है… झूठे केस में फंसा दूंगा।” महिला ने आरोप लगाया कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो उनका परिवार आत्महत्या को मजबूर हो जाएगा।
वीडियो में अभद्र भाषा, धमकियाँ रिकॉर्ड
परिवार द्वारा सौंपे गए वीडियो में एसडीएम अरविंद माहौर को स्पष्ट रूप से गाली-गलौज करते और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए देखा गया है।
एक अन्य आरोप के अनुसार, 5 सितंबर को उन्होंने युवती के चाचा को धमकाते हुए दुकान से बुलाया और गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दी। जब पीड़ित ने इसका वीडियो बनाने की कोशिश की, तो एसडीएम ने उसका मोबाइल छीन लिया।
कार्रवाई और निलंबन की प्रक्रिया
शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने एसडीएम को तत्काल प्रभाव से मुख्यालय अटैच कर दिया और मेघा तिवारी को सबलगढ़ का नया एसडीएम नियुक्त किया गया। सीएम के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने प्रतिवेदन चंबल संभागायुक्त को भेज दिया है, जिनके स्तर से निलंबन आदेश जारी किया गया।
पद हटने के बाद भी की मनमानी
एसडीएम पद से हटाए जाने के बाद भी अरविंद माहौर ने उसी रात एसडीएम कार्यालय खुलवाकर 6 पटवारियों के हल्कों में तबादले कर दिए। कलेक्टर ने इनमें से 4 तबादलों पर तत्काल रोक लगा दी, जबकि 2 तबादलों को न्यायालय के निर्देशानुसार यथावत रखा गया।
पूर्व में भी विवादों में रहे
अरविंद माहौर का नाम इससे पहले भी कई विवादों से जुड़ा रहा है:
दो माह पूर्व उन्होंने जनसुनवाई के दौरान एक फरियादी को थप्पड़ मारने की धमकी दी थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
हाल ही में उनके खिलाफ एक शासकीय चपरासी ने घर बुलाकर मारपीट करने का आरोप लगाया था और इसकी लिखित शिकायत कलेक्टर व एसपी को दी गई थी।


