काम को मिलेगी रफ्तार, क्षेत्रीय विकास को नई दिशा
भोपाल/रीवा।
ललितपुर–सतना–रीवा–सिंगरौली रेल परियोजना को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। इस महत्वाकांक्षी रेल प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त 1713 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। इसके साथ ही अब इस प्रोजेक्ट को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
रेल मंत्रालय द्वारा बजट बढ़ाने के बाद रेलवे ने सभी ज़िलों में कार्यों की प्रगति समीक्षा शुरू कर दी है।
क्या है ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना?
यह रेल लाइन उत्तर प्रदेशके टीकमगढ़, सतना, रीवा होते हुए सिंगरौली तक जाती है।
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ यात्री ट्रेन सेवाओं को सुगम बनाएगा, बल्कि माल परिवहन (खासकर कोयला, सीमेंट, खनिज) को भी रफ्तार देगा।
किन क्षेत्रों को होगा सीधा लाभ?
- रीवा और सतना संभाग को बेहतर रेल संपर्क मिलेगा।
- सिंगरौली जैसे औद्योगिक क्षेत्र को मालगाड़ियों की सुविधा बढ़ेगी।
- पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- नई लाइन बनने से बनारस-हावड़ा रूट का दबाव कम होगा।
- छोटे स्टेशनों और कस्बों में विकास की संभावना बढ़ेगी।
क्यों बढ़ाया गया बजट?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में:
- भूमि अधिग्रहण
- ब्रिज निर्माण
- नई पटरी बिछाने
- स्टेशन मॉडर्नाइजेशन
जैसे कार्यों की लागत पूर्व अनुमान से अधिक आई है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कुल लागत में वृद्धि को देखते हुए 1713 करोड़ रुपए और स्वीकृत किए हैं।
अब तक की प्रगति
- कई सेक्शन में भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है।
- ललितपुर से खजुराहो सेक्शन पर कार्य लगभग पूर्ण।
- रीवा-मैहर सेक्शन में काम तेज़।
- सिंगरौली लिंक को भी प्राथमिकता में रखा गया है।
रेल मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2026 के अंत तक अधिकांश कार्य पूरे कर लिए जाएं ताकि संचालन प्रारंभ हो सके।
सांसदों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका
इस प्रोजेक्ट को लेकर रीवा, सतना और सिंगरौली के सांसदों और विधायकों ने लगातार केंद्र से बजट बढ़ाने की मांग की थी। रेलवे बोर्ड से हुई बैठकों और सांसद निधि की संस्तुतियों के बाद यह राशि मंजूर की गई।
क्षेत्रीय विकास को नई दिशा
यह प्रोजेक्ट न केवल एक रेललाइन है, बल्कि पूरे विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की रीढ़ बनने जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे:
- रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे
- शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच बेहतर होगी
- मूलभूत सुविधाएं तेज़ी से पहुंचेंगी
- संभावित स्टेशन हब्स:- रीवा/ सतना/ चित्रकूट/ सीधी/ मझगंवा/ बैढन/ सिंगरौली
जनता को क्या मिलेगा?
- यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी
- छोटे शहरों से सीधी कनेक्टिविटी
- रोजगार और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा।


