नागौद (सतना)।
जिले के गढ़ीटोला मोहल्ले में रविवार को जन स्माल फाइनेंस बैंक के कर्मचारियों द्वारा कर्ज वसूली के नाम पर की गई हैवानियत ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। आरोप है कि बैंक के आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी सोनी परिवार के घर में जबरन घुसे और कर्ज न चुका पाने पर पिता-पुत्र पर खौलता पानी डाल दिया। इस बर्बर हमले में दोनों गंभीर रूप से झुलस गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
कर्ज न चुकाने पर हिंसा की हद
स्थानीय लोगों के अनुसार, पीड़ित परिवार ने कुछ समय पहले बैंक से ऋण लिया था, जिसे आर्थिक तंगी के चलते समय पर चुकाया नहीं जा सका। इस पर बैंक के कर्मचारी शनिवार शाम अचानक घर पहुंच गए और बहस के बाद हमला कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि कर्मचारियों ने खौलता पानी लेकर पिता और बेटे पर डाल दिया, जिससे दोनों 40-60 प्रतिशत तक जल गए हैं।
थाने में शिकायत, लेकिन अधूरी कार्रवाई
पीड़ित परिवार द्वारा नागौद थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में सभी कर्मचारियों के नाम दर्ज थे, लेकिन पुलिस ने केवल दो कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया है। परिजन और समाजजन आरोप लगा रहे हैं कि अन्य कर्मचारियों को जानबूझकर बचाया जा रहा है।
सोनी समाज में आक्रोश
घटना से आक्रोशित सोनी समाज के लोगों ने थाने और प्रशासनिक अधिकारियों से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे।
पुलिस का बयान
नागौद थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है। दो आरोपियों को चिन्हित कर FIR दर्ज की गई है और अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
क्या कहते हैं कानून के जानकार?
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी कर्ज की वसूली के लिए इस तरह की हिंसक कार्रवाई पूर्णतः अवैध है। पीड़ित परिवार चाहे तो बैंक और कर्मचारियों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज करवा सकता है।
यह घटना न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि क्या अब वसूली के नाम पर आम नागरिकों की जान लेना भी जायज हो गया है? प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि मामले में पारदर्शिता से जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।


