रीवा की बेटी ने रचा इतिहास टैक्सी ड्राइवर की बेटी जयलक्ष्मी मिश्रा का राष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम में चयन
रीवा।
कहते हैं, मेहनत और लगन के आगे, साधन की कमी मायने नहीं रखती और इस कथन को रीवा जिले की एक साधारण परिवार की बेटी ने सच कर दिखाया है।
जयलक्ष्मी मिश्रा ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे रीवा और मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।
ग़रीबी को हराकर हासिल की राष्ट्रीय पहचान
गुढ़ तहसील अंतर्गत एक छोटे से गांव बांधी (ग्राम पंचायत डढ़वा) की रहने वाली जयलक्ष्मी मिश्रा का चयन राष्ट्रीय स्तर की अंडर-19 बालिका वॉलीबॉल टीम के लिए हुआ है।
यह उपलब्धि उन्होंने मध्यप्रदेश के गाडरवारा में आयोजित 69वीं राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करके पक्की की है। प्रदेश भर के विभिन्न संभागों से आई बालिकाओं के बीच जयलक्ष्मी का यह प्रदर्शन वास्तव में असाधारण रहा है।
जयलक्ष्मी वर्तमान में रीवा शहर में संचालित शासकीय प्रवीण कुमारी कन्या संदीपनि उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 9वीं की छात्रा हैं।
माता-पिता का समर्पण बना सफ़लता की नींव
जयलक्ष्मी की यह बड़ी उपलब्धि उनके परिवार के संघर्ष और समर्पण की कहानी कहती है। उनके पिता, श्री त्रिजमुनि मिश्र, एक सामान्य टैक्सी ड्राइवर हैं, और माता, श्रीमती अनीता मिश्रा, एक गृहणी हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपनी बेटी की शिक्षा और खेल के सपनों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया।
पिता के परिश्रम और माता के संस्कारों से मिली प्रेरणा ने ही जयलक्ष्मी को कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का साहस दिया।
जयलक्ष्मी के दादा, श्री कृष्णमणि मिश्र (सेवानिवृत्त ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता), भी अपनी पोती की इस उपलब्धि पर बेहद गौरवान्वित हैं।
जयलक्ष्मी ने साबित कर दिया कि साधारण पृष्ठभूमि और छोटे से गाँव बांधी की पहचान भी अब राष्ट्रीय पटल पर चमक सकती है। उन्होंने अपने जिले, क्षेत्र और गाँव-समाज का नाम पूरे देश में रोशन किया है, जो हर किसी के लिए गर्व का विषय है।


