रीवा।
मां की ममता और डॉक्टरों की अथक मेहनत ने एक बार फिर चमत्कार कर दिखाया। रीवा के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में दो युवकों को उनकी मांओं ने अपनी किडनी दान कर नई जिंदगी दी।

यह अस्पताल की 6वीं सफल किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी है, जो न केवल मेडिकल क्षेत्र में एक मील का पत्थर है, बल्कि मां-बेटे के अटूट रिश्ते की भावनात्मक मिसाल भी पेश करती है।
इस सफलता के पीछे मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला के अथक प्रयास हैं, जिनकी दूरदर्शिता ने इस अस्पताल को क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान बनाया है।
मां की ममता ने जगाई उम्मीद
दो युवक, जो रीवा शहर के अलग-अलग मोहल्लों से ताल्लुक रखते हैं, पिछले एक साल से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। शुरुआत में बुखार ने उन्हें जकड़ा, लेकिन धीरे-धीरे हालात बिगड़ते गए।
जब चिकित्सकों ने बताया कि किडनी प्रत्यारोपण ही एकमात्र रास्ता है, तो दोनों परिवारों के सामने अंधेरा छा गया। लेकिन मां की ममता ने हार नहीं मानी। दोनों मांओं ने बिना हिचक अपनी किडनी दान करने का फैसला किया।
बुधवार का दिन इन युवकों के लिए नई सुबह लेकर आया, जब सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उनकी किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। आज दोनों युवक और उनकी मांएं स्वस्थ हैं, और परिवारों में खुशी की लहर है।
डॉक्टरों की मेहनत और लगन का कमाल

इस जटिल सर्जरी को सफल बनाने में अस्पताल की टीम ने दिन-रात एक कर दी। नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. रोहन दीक्षित, एनेस्थिसिया के डॉ. आरजी दीक्षित, यूरोलॉजी के डॉ. पुनीत शुक्ला, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. आशीष बरनवाल, डॉ. बृजेश तिवारी, डॉ. विजय शुक्ला, डॉ. रविकाश सिंह, डॉ. सुभाष अग्रवाल और डॉ. शमिल की टीम ने इस सर्जरी को अंजाम दिया।
डॉक्टरों की लगन और समर्पण की वजह से ही यह सर्जरी सफल हो पाई। डॉ. पुनीत शुक्ला ने कहा, यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। मां का अपने बेटे के लिए त्याग और हमारी टीम का समर्पण इस सफलता की नींव है।
राजेंद्र शुक्ला की दूरदर्शिता ने बदली तस्वीर

यह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रीवा के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, और इसके पीछे मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला की अहम भूमिका है।
राजेंद्र शुक्ला ने इस अस्पताल की नींव रखी और इसे क्षेत्र के लोगों के लिए एक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाने का सपना देखा। आज उनका यह सपना साकार हो रहा है।
किडनी प्रत्यारोपण के अलावा यहाँ हार्ट सर्जरी जैसी जटिल प्रक्रियाएँ भी हो रही हैं, जो पहले रीवा के मरीजों के लिए सपना थीं।
एक साल में 6 सफल प्रत्यारोपण
जानकारी के मुताबिक, 29 मार्च 2024 को इस अस्पताल में पहली किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई थी। इसके बाद से अब तक 6 सफल प्रत्यारोपण हो चुके हैं।
यह अस्पताल न केवल रीवा बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र के मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बन गया है। मरीजों को अब बड़े शहरों की ओर नहीं भागना पड़ता, बल्कि उनके अपने शहर में ही विश्वस्तरीय इलाज मिल रहा है।


