आस्था एक ही पत्थर में तराशी गई 32 फीट लंबी और 15 फीट चौड़ी प्रतिमा
रीवा।
जिले के गुढ की पहाड़ी पर स्थित भैरव बाबा की विशाल प्रतिमा आज न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बन चुकी है बल्कि यह क्षेत्र अब एक उभरते हुए पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचाना जा रहा है। एक ही पत्थर से तराशी गई 32 फीट लंबी और 15 फीट चौड़ी यह प्रतिमा विरली है।
भैरव बाबा की यह अप्रतिम शिला प्रतिमा कितनी प्राचीन है इसकी प्रामाणिक जानकारी भले न हो लेकिन इसकी महिमा की चर्चाएं दूर दूर तक हैं। कहा जाता है कि यहां मनोकामना लेकर आने वाले श्रद्धालु एक पत्थर पर दूसरा पत्थर रख देते हैं और उनकी मुरादें पूरी होती हैं।
यहां के श्रद्धालु बताते हैं कि कभी एक बड़े उद्योगपति ने इस प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए भारी मशीनरी मंगवाई थी लेकिन प्रतिमा अपनी जगह से टस से मस नहीं हुई। इस प्रयास में प्रतिमा का एक हाथ अवश्य टूट गया था जिसे जगन्नाथ पुरी के कुशल कारीगरों ने इस तरह से पुनः जोड़ा है कि देखने वाला अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि वह कभी टूटा था।
पर्यटन विकास की ओर बढ़ता कदम
इस पथरीले इलाके में औद्योगिक क्षेत्र का भी विकास हो रहा है। साथ ही लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मंदिर का भव्य रूपांतरण किया जा रहा है। राजस्थान के कारीगरों द्वारा विगत 3 वर्षों से नक्काशी का काम किया जा रहा है जो अब अपने अंतिम चरण में है।
रोजगार का नया अवसर बनेगा मंदिर परिसर
मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होते ही इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

स्थानीय युवाओं के लिए पर्यटन गाइड दुकान संचालन भोजनालय व रेस्ट हाउस प्रबंधन जैसे कई विकल्प खुलेंगे। इससे इस इलाके की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
उद्योग का अदभुत संगम
गुढ़ की पहाड़ी न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह ऐतिहासिक सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी संभावनाओं से भरा क्षेत्र है। प्राकृतिक सुंदरता आस्था और उद्योग का अद्भुत संगम इस क्षेत्र को नये मध्यप्रदेश का एक शानदार उदाहरण बना सकता है। अगर योजनाबद्ध तरीके से पर्यटन सुविधाएं विकसित की गईं तो यह स्थान खजुराहो या उज्जैन जैसे प्रमुख स्थलों की तरह अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर भी जगह बना सकता है।
16 जगह से क्रेक थी प्रतिमा
भैरवबाबा की विशाल प्रतिमा 16 जगह से क्रेक थी। हाथ, कंधा एवं दाढ़ी क्रेक थी। इसके अलावा भैरवबाबा के उपर लिपटे नागदेवता गायब थे। जगन्नाथ पुरी के कुशल कारीगरों को यहां बुलाया गया। जिनने प्रतिमा का अवलोकन किया। प्रतिमा का वैज्ञानिक विश्लेषण करने के बाद उसी तरह के पत्थरों की तलाश की गई और चटटानों का काटकर भैरवबाबा के उन सभी अंगों को उसी तरह बनाया गया जैसे पहले थे। इस भैरवमंदिर के निर्माणकर्ता इंजी विवेक दूबे जो मंदिर बनाने के एक्सपर्ट माने जाते हैं उन्होने बताया गया जगन्नाथपुरी उड़ीसा के 16 कारीगरों ने एक माह तक इस प्रतिमा को सजाने में दिन रात एक किया।
डिप्टी सीएम ने की मानीटरिंग
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का यह ड्रीम प्रोजक्ट है। उन्होने इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने का सपना संजोया है। तीन साल से यहां पर निर्माण कार्य चल रहा हैं। रीवा प्रवास के दौरान डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल हर माह दो चक्कर लगा रहे हैैं।
विधायक ने कहा जल्द होगा लोकार्पण
गुढ क्षेत्र के विधायक नागेंद्र सिंह ने कहा कि भैरव बाबा मंदिर का निर्माण और इस क्षेत्र में औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना को लेकर डिप्टी सीएम ने अपनी गहरी रुचि दिखाई है। नतीजा है कि आज यह क्षेत्र विकास के नए सोपान स्थापित कर रहा है। भैरवबाबा मंदिर के लोकार्पण की तैयारी चल रही है।


