जिंदगी जीनी है तो जापानियों की नकल अक्ल से करो और शान से बोले हम हिन्दुस्तानी है।
जापान में 1 लाख लोग 100 के पार और हमारे यहां 60 के बाद सरकारी फॉर्म भरना भी रिस्क लगता है
खबर आई है जापान से और साथ ही आई है जलन की एक तेज़ लहर भारत के स्वास्थ्य विभाग, खानपान मंत्रालय (अगर ऐसा कोई हो) और हर उस इंसान के दिल में जो सुबह उठकर आज फिर जीना है क्या? जैसे सवाल पूछता है।
जापान ने 55वीं बार रिकॉर्ड बनाया है अब वहां 1 लाख से ज्यादा लोग 100 साल के पार हैं।
जी हाँ, वहाँ लोग इतने दिन जी लेते हैं कि उनके बर्थडे पर मोमबत्तियों से केक जलने लगता है!
अब ज़रा उधर देखिए… और फिर इधर।
हमारे यहाँ 40 की उम्र आते-आते लोग बीपी.,शुगर, थायरॉइड और तनाव के इतने शिकार हो जाते हैं कि डॉक्टर पूछता है आप आए कैसे?
जापान के लोग जपते नहीं, जीते हैं:
वो लोग ग्रीन टी पीते हैं,
हम लोग ग्रीन बॉटल्स (कोल्ड ड्रिंक और कुछ खास पेय)।
वहाँ पैदल चलना रोज की आदत है,
यहाँ बाइक लेने के लिए लोग वॉकिंग छोड़ देते हैं।
जापान में खाना मुँह के स्वाद से नहीं, शरीर की जरूरत से तय होता है,
और हमारे यहाँ?
“भैया थोड़ा घी और डालो, वरना बुआ को लगेगा आदर नहीं किया!
यहाँ तो 30 में ही शादी और एंजाइटी दोनों हो जाती है।
हमारे देश में 100 पार करने की सोचने वाला इंसान पहले नज़र ना लग जाए का शिकार होता है, फिर इतना क्यों जिए? जैसे डायलॉग्स का।
60 की उम्र के बाद यहाँ लोग रिटायर नहीं होते, बल्कि घरवालों से तंग आकर स्वैच्छिक साइलेंट मोड पर चले जाते हैं।
जापान से कुछ सीखिए, जीवन बीमा नहीं, जीवन लंबा कीजिए
सरकार अगर जापान की ये खबर पढ़ ले, तोमुफ़्त तीर्थ यात्रा जैसी योजनाओं की जगह मुफ़्त योग, पौष्टिक भोजन और मेंटल हेल्थ काउंसलिंग शुरू कर दे लेकिन तब तक, जनता को ही अपनी अकल लगानी होगी।
तो अगली बार जब किसी रिश्तेदार की शादी में 7 तरह के काजू बर्फी दिखें, तो ज़रा जापान के उस 103 साल के बुजुर्ग को याद कर लीजिए जो रोज साइकिल चलाता है।
क्योंकि ज़िंदगी लंबी हो, तो कहानी भी दिलचस्प लगती है।
तो भाइयों और बहनों, देशभक्ति का असली मतलब सिर्फ तिरंगा लहराना नहीं, बल्कि इतनी लंबी उम्र पाना है कि 100 साल बाद भी कह सको मैं भारत का नागरिक हूं, और अभी भी फिट हूं!


