रीवा।
शहर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाला रानी तालाब आज बदहाल सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही की मार झेल रहा है। काली माता मंदिर परिसर अब आस्था का केंद्र कम और असामाजिक तत्वों का अड्डा अधिक बनता जा रहा है।

बीते कुछ दिनों में चोरी, छेड़छाड़ और झपटमारी की बढ़ती घटनाओं ने श्रद्धालुओं और आमजनों में भय का माहौल पैदा कर दिया है।
एसएएफ की तैनाती के बावजूद सुरक्षा नदारद
सरकारी दस्तावेजों में एसएएफ (विशेष सशस्त्र बल) की तैनाती जरूर दर्ज है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है। रात के समय सुरक्षा कर्मी ड्यूटी पर नहीं दिखाई देते। स्थानीय लोगों के मुताबिक, गार्ड गहरी नींद में सोते हैं और परिसर में कोई नियमित गश्त नहीं होती। यही कारण है कि असामाजिक तत्व बिना रोक-टोक परिसर में घुसते हैं, खासतौर पर बिछिया साइड का गेट रातभर खुला रहता है।
महिलाओं से छीनाझपटी, वाहन चोरी की घटनाएं
हाल ही में दर्शन के लिए आई एक महिला का मंगलसूत्र बदमाशों ने छीन लिया। इससे पहले परिसर से एक दर्शनार्थी की बाइक चोरी हो चुकी है। इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि यह क्षेत्र सिटी कोतवाली के अंतर्गत आता है, फिर भी पुलिस की सक्रियता नाममात्र की है।
मंदिर की पवित्रता को ठेस: मछली मार, शराबखोरी और अश्लील हरकतें आम
जहां एक ओर रानी तालाब को धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता है, वहीं दोपहर के समय लोग खुलेआम जाल डालकर मछली पकड़ते देखे जाते हैं। मंदिर परिसर में शराबखोरी, छेड़खानी और अश्लील हरकतों की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर बाहर से आने वाली महिलाओं और युवतियों को इन गतिविधियों का सामना करना पड़ता है।
तोड़ी जा रही हैं दीवारें, चोरी हो रही हैं जालियां
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्क की लोहे की जालियां चोरी हो रही हैं और दीवारें भी तोड़ी जा रही हैं।

इन पर न कोई निगरानी है और न ही कोई रोक। ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम भी इन गतिविधियों को लेकर मौन सहमति दे चुका है।
प्रशासन और पुलिस से सवाल:
- एसएएफ की तैनाती के बावजूद रात में सुरक्षा क्यों नदारद है?
- मंदिर परिसर में शराब और मछली मारने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?
- महिलाओं से छीनाझपटी और छेड़छाड़ की घटनाओं पर पुलिस चुप क्यों है?
- गेट रातभर क्यों खुला रहता है और कौन इसकी निगरानी करता है?
- लोहे की जालियां किसकी अनुमति से निकाली जा रही हैं और दीवारें क्यों तोड़ी जा रही हैं?
रानी तालाब न केवल रीवा की पहचान है, बल्कि यह हजारों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ स्थल भी है। ऐसे में वहां की सुरक्षा व्यवस्था, धार्मिक गरिमा और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर अब सवाल उठना लाज़मी है।


