रीवा।
त्योंथर क्षेत्र में रेत माफिया बेखौफ होकर कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं। चिल्ला और लवर्पुरा घाटों पर भारी मशीनों की मदद से दिन-रात अवैध रेत खनन और परिवहन का गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी है। प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर और हाईवा वाहन टनों रेत का परिवहन कर रहे हैं, जिससे न केवल टमस नदी का सीना छलनी हो रहा है, बल्कि क्षेत्रीय पारिस्थितिकी पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
वहीं, मगरदहा स्थित टमस नदी घाट पर भी अवैध रेत परिवहन का सिलसिला बेरोकटोक जारी है। दर्जनों ट्रैक्टर रोजाना यहां से रेत लेकर निकलते हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग पूरी तरह से मूकदर्शक बने हुए हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यह सबकुछ अधिकारियों की मिलीभगत या अनदेखी के बिना संभव नहीं है।
रेत माफियाओं की यह मनमानी सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं, बल्कि शासन की नीतियों और नियमों की खुली अवहेलना है। इससे ना सिर्फ शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि सड़कों पर बढ़ते भारी वाहनों की आवाजाही से ग्रामीण मार्ग भी जर्जर होते जा रहे हैं।
प्रश्न यह उठता है कि – आखिर कब जागेगा प्रशासन?
क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे या जनाक्रोश का इंतजार कर रहा है?
क्या इंदौर जैसी कोई घटना रीवा में घटे तभी हरकत में आएंगे जिम्मेदार?


