सरकारी दावों की खुली पोल, श्रद्धा की नगरी में नशे का बोलबाला
भोपाल-सतना
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश की प्रमुख धार्मिक नगरियों में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर रखा है। इसका उद्देश्य धार्मिक आस्था का सम्मान और सामाजिक संतुलन बनाए रखना था। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। धार्मिक नगरी मैहर जहां मां शारदा का भव्य मंदिर श्रद्धा का केंद्र है वहां अब भी शराब बेधड़क बिक रही है।
भाटिया ग्रुप की मजबूत पकड़
सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद मैहर में भाटिया ग्रुप की पकड़ इतनी मजबूत है कि पहले की तीन लाइसेंसी दुकानों में से एक दुकान को ही 36 करोड़ रुपये में बेचा गया था। अब जब नगरपालिका क्षेत्र में शराबबंदी लागू है तब भी मंटोलबा मोहल्ले जैसे इलाकों में शराब मॉल के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है।
जनता ने खुद पकड़ी शराब, पुलिस बनी मूकदर्शक
मैहर में स्थिति इतनी विडंबनापूर्ण हो चुकी है कि शराब पकड़ने का काम अब आम लोग करने लगे हैं। मंटोलबा मोहल्ले की महिलाएं और युवाओं ने खुद अवैध शराब जब्त कर पुलिस को सौंपा। सवाल यह है कि जब आम जनता को शराब की गंध आ रही हैए तो प्रशासन और पुलिस को क्यों नहीं। आम जनता ने आईजी गौरव राजपूत से उम्मीद की है कि वे जरूर धार्मिक नगरी की शराब को बंद कराकर रखेगें।
धार्मिक नगरी या मदहोश नगर

एक तरफ राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर मैहर जैसे पवित्र स्थल में शराब बिक्री धार्मिक भावनाओं के साथ खुला मज़ाक बनकर सामने आ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के पास शराब की मौजूदगी से बच्चों और महिलाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। सरकार ने वादा किया था कि धार्मिक स्थलों के 5 किमी के दायरे में शराब नहीं बिकेगी लेकिन यहां खुलेआम धंधा चल रहा है।
भाटिया ग्रुप पर आरोप प्रशासन मौन
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि शराब माफिया को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है तभी तो बार.बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न के बराबर होती है। लोगों की मांग है कि मैहर को शुद्ध धार्मिक वातावरण मिले न कि शराब का अड्डा मिले।
आईजी गौरव राजपूत चला रहे हैं नशे के खिलाफ मुहिम, मैहर में अवैध बिक्री पर अब उन्हीं से जुड़ी उम्मीदें

जनता की मांग
- मॉल के जरिए हो रही शराब बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगे।
- शराब माफिया पर कठोर कार्रवाई हो।
- पुलिस और आबकारी विभाग की जवाबदेही तय हो।


