कुलगुरु पहुंचे विधि विभाग, छात्रों से वन-टू-वन संवाद
बोले हर महीने आऊंगा, मेरे विद्यार्थियों की आवाज अब अनसुनी नहीं रहेगी
रीवा।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एक अभूतपूर्व और सराहनीय पहल देखने को मिली, जब कुलगुरु डॉ. राजेंद्र कुड़रिया बिना पूर्व सूचना के सीधे विश्वविद्यालय के विधि विभाग पहुंचे। इस अचानक हुई मुलाकात ने छात्रों और शिक्षकों को चौंका दिया, लेकिन जल्द ही यह एक आत्मीय और खुला संवाद बन गया।
छात्रों ने साझा की ज़मीनी समस्याएं

कुलगुरु ने छात्रों से सीधे संवाद करते हुए पूछा “कोई समस्या हो तो बताइए।” इस पर छात्रों ने बिना संकोच अपनी समस्याएं सामने रखीं। बाथरूम की खराब स्थिति, टूटी खिड़कियां, और छत से टपकते पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को सुनते हुए कुलगुरु ने पूरी संवेदनशीलता से उन्हें समझा और तुरंत आश्वस्त किया
“अब हर महीने मैं आऊंगा, और आपकी हर बात सुनी जाएगी। समाधान मेरी जिम्मेदारी है।”
छात्रों को मिला प्रोत्साहन, शिक्षकों को मिला मार्गदर्शन
समस्याएं सुनने के बाद डॉ. कुड़रिया ने छात्रों को अध्ययन, अनुशासन और आत्मविश्वास के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा,
“आप राष्ट्र का भविष्य हैं। खुद को कभी छोटा मत समझिए। आपके कंधों पर देश की अगली पीढ़ी का निर्माण होगा।”
साथ ही उन्होंने शिक्षकों से भी अपील की कि वे समय पर आएं और पूरी निष्ठा से अध्यापन करें। उन्होंने कहा कि,
“एक शिक्षक सिर्फ किताबें नहीं पढ़ाता, वह आने वाले भारत का आकार गढ़ता है।”
शिक्षकों और छात्रों में नई ऊर्जा, सकारात्मक माहौल की शुरुआत
कुलगुरु की इस पहल ने विश्वविद्यालय परिसर में नई ऊर्जा और उत्साह भर दिया है। छात्रों ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी कुलगुरु ने इतनी नजदीक से उनकी बातों को गंभीरता से सुना है। शिक्षकों ने भी विश्वविद्यालय के विकास में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
डॉ. कुड़रिया की यह पहल न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन में पारदर्शिता और संवाद को बढ़ावा देती है, बल्कि छात्रों को यह भरोसा भी दिलाती है कि अब उनकी समस्याएं अनसुनी नहीं रहेगी।


