सतना। चित्रकूट।
एक ओर जहां चित्रकूट को भगवान राम की तपोभूमि और आस्था का केंद्र माना जाता है, वहीं दूसरी ओर गुप्त गोदावरी जैसे पवित्र स्थल पर लगातार हो रही चोरियों ने श्रद्धालुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंचाई है।
पिछले चार दिनों से रोजाना हो रही चोरी की घटनाओं ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि चोर बेखौफ हैं और पुलिस बेअसर।
फिर चोरी, चोरों के हौसले बुलंद
आज गुप्त गोदावरी के कुंड क्षेत्र में एक बार फिर करीब ₹15,000–20,000 नगद, एक मोबाइल फोन और एक पैंट चोरी की घटना सामने आई है। यह चौथा दिन है जब एक के बाद एक चोरी हुई, लेकिन अभी तक न तो कोई गिरफ्तारी, न ही कोई ठोस कार्रवाई देखने को मिली।
नपा अधिकारी ‘कंबल ओढ़ कर घी पीने’ में व्यस्त!
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर परिषद के अधिकारी और प्रशासनिक अमला इस गंभीर स्थिति को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। गुप्त गोदावरी जैसे तीर्थ स्थल पर सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगवाए गए, जिससे चोरियों की पहचान या निगरानी असंभव हो गई है।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पर हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर सिर्फ भगवान भरोसे व्यवस्था है।
श्रद्धा के केंद्र में भय का माहौल
जिस स्थान पर भगवान श्रीराम स्वयं प्रवास कर चुके हों, वहां ऐसी घटनाएं न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को आहत करती हैं, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती हैं।
स्थानीय जनता और दुकानदारों में गुस्सा और असुरक्षा का भाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। कई लोगों ने तो अपनी दुकानें अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला भी कर लिया है।
मांग: सुरक्षा हो पुख्ता, श्रद्धा को मिले सम्मान
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि:
- गुप्त गोदावरी क्षेत्र में तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं
- स्थायी पुलिस चौकी स्थापित की जाए
- रात में गश्त और सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जाए।
धार्मिक पर्यटन से जुड़ा चित्रकूट जैसे स्थल की गरिमा तभी बनी रह सकती है, जब प्रशासन सुरक्षा और श्रद्धालुओं की भावनाओं को प्राथमिकता दे।
अन्यथा, ‘राम की तपोभूमि’ की पहचान पर अपराधों का साया गहराता जाएगा।


