भोपाल।
मध्यप्रदेश के शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य के शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया है कि सरकार सेवारत शिक्षकों को टीईटी (Teacher Eligibility Test) जैसी पात्रता परीक्षा से अनावश्यक तनाव से बचाना चाहती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ राज्य सरकार रिव्यू पिटिशन (पुनर्विचार याचिका) दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
गाडरवारा में मीडिया से चर्चा करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षकों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि जरूरत पड़ी, तो हम रिव्यू पिटिशन दायर करेंगे।”
“सेवारत शिक्षकों पर तनाव बढ़ा सकती है टीईटी परीक्षा”
मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने चिंता जताई कि पहले से सेवारत शिक्षकों के लिए दोबारा पात्रता परीक्षा कराना मानसिक तनाव और असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि “शिक्षकों को अनावश्यक रूप से परीक्षा के बोझ और मानसिक दबाव से न गुजरना पड़े।”
शिक्षकों के हितों की रक्षा प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री
मंत्री ने स्पष्ट किया कि B.Ed, D.Ed, और BTI पास कर सेवा में आए शिक्षक पूरी पात्रता के साथ नियुक्त हुए हैं और सरकार उनके हितों की अनदेखी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि “हम कानून के दायरे में रहकर सर्वोत्तम समाधान निकालेंगे, ताकि किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय न हो।”
न्यायालय की अपेक्षाओं का करेंगे सम्मान
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय की मंशा और अपेक्षाओं का सम्मान करती है, लेकिन साथ ही राज्य के शिक्षकों की व्यावहारिक परिस्थितियों को भी ध्यान में रखते हुए संतुलित और न्यायसंगत निर्णय लेने की दिशा में कार्य करेगी।
राज्य सरकार की इस पहल से यह संकेत मिलता है कि शिक्षकों को राहत मिल सकती है, और यदि रिव्यू पिटिशन स्वीकार होती है, तो सेवारत शिक्षकों को दोबारा पात्रता परीक्षा देने से छूट मिल सकती है। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन जारी है और आगे की कार्रवाई के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।


