रीवा।
कोविड महामारी की त्रासदी ने अनेक मासूमों से उनके माता-पिता का साया छीन लिया, परंतु जिंदगी की राह पर अब भी ये नन्हें कदम उम्मीदों के दीप जलाए हुए हैं। रीवा जिले में ऐसे 282 बच्चे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री केयर एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रतिमाह पाँच हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। ताकि उनका भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बन सके।
दीपावली के पावन अवसर पर कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में जब कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने पाँच कोविड प्रभावित बच्चों से आत्मीय भेंट कर उन्हें दीपावली का उपहार दिया, तो मानो उनके चेहरों पर खुशियों की नई रोशनी फैल गई। बच्चों की आँखों में चमक थी। शायद इसलिए कि उन्होंने पहली बार महसूस किया कि समाज अब भी उनके साथ खड़ा है।
बच्चों से स्नेहपूर्वक संवाद करते हुए कलेक्टर ने कहा
आप सबने जीवन के कठिन दौर में असाधारण साहस दिखाया है। जो लोग संघर्षों से नहीं घबराते, वही सफलता की ऊँचाइयों को छूते हैं। मेहनत और विश्वास के साथ आगे बढ़िए, अपने सपनों को साकार कीजिए। प्रधानमंत्री केयर फण्ड से मिलने वाली राशि को स्टार्टअप और स्वरोजगार में लगाकर आत्मनिर्भर बनें। हर माह मिलने वाली सहायता राशि का विवेकपूर्ण उपयोग करें, क्योंकि बहादुरों की मदद स्वयं भगवान करते हैं।

कलेक्टर की ये बातें बच्चों के दिलों को छू गईं। दीपावली की जगमगाती रोशनी के बीच जब उनके छोटे-छोटे हाथों में उपहार के पैकेट थमे, तो मानो उनके जीवन में भी आशा का एक नया दीप जल उठा।
सच ही है। इन बच्चों की मुस्कान ही इस दीपावली की सबसे उजली लौ बनी।


