रीवा।
नगर निगम द्वारा शहर में सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी जिस रेमकी कंपनी को दी गई है उस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। जनता के साथ कई पार्षद भी कंपनी से नाराजगी जता चुके है। समय से न कचरे का उठाव हो रहा न ही हर घर कचरे की गाड़ियां पहुंच रही है। साफ सफाई भी इस समय पर ठीक से नही हो रही है।
आरोप है कि रेमकी कंपनी के पास 45 वार्डों के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। उनके पास दो.तीन लोडर ही हैं जिससे डोर.टू.डोर कचरा उठाना भी संभव नहीं हो पा रहा है। खाली प्लाटों में पड़ा कचरा, सामुदायिक भवनों के आसपास फैली गंदगी और वार्ड में फैले कचरे की सफाई के लिए कंपनी के पास न नीयत है न साधन।
ब्लीचिंग .पाउडर कागजों तक ही सीमित
सूत्रों ने बताया कि नगर निगम के दस्तावेजों में फिनाइल और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव दिखाया जाता है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है।

मानस भवन, राम जानकी मंदिर, महिला पार्क, दिनेश पार्क जैसे सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फैला हुआ है और बदबू से निकलना मुश्किल हो जाता है।
जनता की मांग
- 45 वार्डों में प्रतिदिन कचरा उठाव सुनिश्चित किया जाए।
- हर कचरा पॉइंट पर ब्लीचिंगऔर फिनाइल का नियमित छिड़काव हो।
- रेमकी कंपनी के संसाधनों की सार्वजनिक समीक्षा हो।
- नगर निगम की चुप्पी जनता की चिंता।
अब सवाल यह है कि जब जनता और उसके चुने हुए प्रतिनिधि दोनों ही सफाई व्यवस्था से नाराज़ हैं तो नगर निगम और उसकी अधिकृत कंपनी जवाबदेह क्यों नहीं बन रही। जनता को स्वास्थ्य संकट में डालने की अनुमति आखिर किसने दी।


