जरा सतर्क हो जाएं
भोपाल।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान आम आदमी अब फ्यूल की चोरी और मिलावट से भी दो चार हो रहा है। कई पेट्रोल पंपों पर तेल चोरी के शातिर तरीके इस्तेमाल किए जाने की आशंका है लेकिन अधिकतर बार ग्राहक इसे समझ नहीं पाते। कंपनियां खुद भी इन शिकायतों से परेशान हैं लेकिन धोखाधड़ी का यह धंधा आधुनिक तरीकों से इतनी सफाई से चलता है कि जांच में आसानी से पकड़ में नहीं आता।
कैसे होती है पेट्रोल डीजल की चोरी
विशेषज्ञों और पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर तेल चोरी के ये 5 आम तरीके सामने आए हैं। बताया गया है कि पंप कर्मचारी मीटर को पहले चालू कर देते हैं नोजल अभी टैंक में पहुँचा भी नहीं होता लेकिन गिनती चालू हो जाती है। कुछ मिलीलीटर पेट्ोल ऐसे ही हवा में उड़ जाता हैं।

इसके अलावा पेट्ोल लेते समय ग्राहक को उलझा दिया जाता है। कैश देंगे या कार्डए छुटटे पैसे है कि नही ग्राहक को उलझाकर ध्यान भटकाया जाता है और असल में कम तेल डाल दिया जाता है।
कम अमाउंट पर फिक्स सेटिंग
100 और 200 रुपए जैसे राउंड फिगर भराई में अक्सर मशीन में पहले से सेट मात्रा डाली जाती है। ग्राहक को लगता है सही डाला गया लेकिन असल में 40से 60 पैसे तक उस तक कम डीजल पेट्ोल दिया जाता है।
ड्यूल डिस्प्ले या चिप छेड़छाड़
कई मशीनों में सॉफ्टवेयर मॉडिफाई किया गया होता है। मीटर पर जो दिखता है टैंक में उससे कुछ कम पहुंचता है।
प्रीसेट डिफॉल्ट
मशीन में पहले से 9 लीटर या 19 लीटर जैसे फिक्स आंकड़े सेट कर दिए जाते हैं। इससे तेज़ी से भराई कर कम तेल दिया जाता है।
मिलावट की मिलावट
तेल चोरी से भी बड़ी समस्या है मिलावट
जानकारों के अनुसार डीजल में केरोसीन नाफ्थ या टर्पेन्टाइन जैसी सस्ती मिलावटें की जाती हैं। पेट्रोल में सॉल्वेंट या कम ऑक्टेन वाले रसायन मिलाए जाते हैं जिससे गाड़ी की पिकअप कम माइलेज घट और इंजन को दीर्घकालीन नुकसान होता है।
एक्सपर्ट की सलाह कैसे बचें तेल चोरी से
- इंडियन ऑयल के पूर्व अधिकारी और फ्यूल क्वालिटी एक्सपर्ट कहते हैं
- तेल चोरी से बचने का पहला कदम है जागरूकता और सतर्कता। ग्राहक ध्यान नहीं देगा तो हर बार 10 से 50 की जेब कटती रहेगी।
लीटर में मांगे डीजल पेट्ोल
- हमेशा 1000 का तेल की जगह 9 लीटर पेट्रोल लें। मात्रा से तुलना आसान रहती है।
- मीटर की रीडिंग शून्य से शुरू होती है या नहीं जरूर देखें।
- रसीद लेना अनिवार्य बनाएं रहे। इससे विवाद की स्थिति में कंपनी से शिकायत संभव है।
ग्राहको से अपील
हर लीटर की चोरी छोटे स्तर पर दिखती है लेकिन जब यही हज़ारों गाड़ियों के साथ होता है तो एक बड़ा घोटाला बनता है। आम जनता को खुद आगे आकर जागरूक होना होगा। क्योंकि तेल की कीमत हम नहीं कंट्रोल कर सकते लेकिन अपनी सतर्कता से चोरी तो रोक सकते हैं।


