सेमरिया से विशेष
पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी की जनसेवा आधारित पहल से बदला क्षेत्र का स्वरूप, अब कांग्रेस विधायक श्रेय लेने की राजनीति में लिप्त
सेमरिया विधानसभा में हाल के वर्षों में जो अभूतपूर्व विकास हुआ है, वह किसी संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि पूर्व विधायक श्री केपी त्रिपाठी की दूरदृष्टि, सतत जनसंपर्क और निस्वार्थ सेवा भावना का सजीव प्रमाण है।
चाहे थनवरिया गांव में नवीन विद्युत सबस्टेशन की स्वीकृति हो या पूर्वा में 43 लाख की लागत से बने रपटा कम स्टॉप डैम का निर्माण, बसामन मामा गोवंश वन्य विहार हो या पंचायत भवनों का कायाकल्प हर दिशा में विकास की ईंट दर ईंट रखी गई है।
बोदा मनकहरी से फरहद तक 125 करोड़ और अजगरहा से बहुरीबांध तक 46 करोड़ की लागत से स्वीकृत सड़क परियोजनाएं, साथ ही 45 नई सड़कों की स्वीकृति यह सब भाजपा शासन और केपी त्रिपाठी की जनभागीदारी आधारित पहल का परिणाम हैं।
लेकिन विडंबना देखिए जब इन कार्यों की धरातल पर छाप दिखाई देने लगी, तो कुछ लोग कैमरे के सामने आकर श्रेय लेने की होड़ में कूद पड़े।
कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा, जो अधिकतर समय “किंतु, परंतु, आरोप और बयानबाज़ी” की राजनीति में व्यस्त रहते हैं, अब उन कार्यों को भी अपना बताने लगे हैं, जिनकी नींव भाजपा शासन में और त्रिपाठी जी के प्रयासों से डाली गई थी।
क्षेत्रीय जनता भली-भांति जानती है कि नहरों से लेकर नालों तक और स्टॉप डैम जैसे जो भी ठोस कार्य हुए हैं, उनमें कांग्रेस विधायक की भूमिका मात्र दर्शक की रही है।
पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी बिना किसी पद या अधिकार के निरंतर जनता के बीच मौजूद रहते हैं, किसानों की समस्याएं उठाते हैं, गौशालाओं और जलसंवर्धन योजनाओं को प्राथमिकता देते हैं और ग्रामीण आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने में जुटे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि बिना किए काम का श्रेय लेने की यह राजनैतिक रणनीति कांग्रेस विधायक को कितनी दूर तक ले जाएगी।
कभी-कभी राजनीति में मौन सेवा, शोरगुल वाले दावों पर भारी पड़ती है। और सेमरिया की जनता शायद यही संदेश देने को तैयार बैठी है।


