रीवा संभाग में बिजली व्यवस्था चरमराई
2000 से अधिक ट्रांसफॉर्मर फुंके, समाधान नहीं, मुख्य अभियंता प्रमा पांडेय पर लापरवाही के आरोप।

रीवा।
रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों में बिजली आपूर्ति की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। विद्युत वितरण कंपनी, रीवा संभाग की मुख्य अभियंता प्रमा पांडेय की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार संभाग में 2000 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल चुके हैं, लेकिन न तो समय पर उनका रिप्लेसमेंट हो रहा है और न ही आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।
आरोप है कि मुख्य अभियंता प्रमा पांडेय न तो अधीनस्थ अधिकारियों के फोन उठाती हैं और न ही शिकायतों का समाधान देती हैं। क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी का अभाव और उम्रजनित शारीरिक अक्षमता के चलते पूरे विद्युत विभाग में निर्णयहीनता की स्थिति बन गई है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं और किसानों पर पड़ रहा है।
किसानों का आक्रोश आमरण अनशन की चेतावनी
बिजली संकट का सबसे बड़ा असर ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों पर पड़ा है। रीवा के किसान रामनाथ ने बताया, बिजली न होने से पंप नहीं चल पा रहे, फसलें सूख रही हैं, खेती बर्बाद होने की कगार पर है।
सतना जिले के किसान भगवानदीन ने कहा, अगर यही स्थिति रही तो इस बार फसल पूरी तरह चौपट हो जाएगी। वहीं सीधी के किसान राजकरण ने चेतावनी दी, अगर जल्द हालात नहीं सुधरे तो हम किसान आमरण अनशन करेंगे।
स्थानीय आक्रोश और चयन प्रक्रिया पर सवाल
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने इस लापरवाही पर कड़ी नाराज़गी जताई है। उनका कहना है कि विद्युत जैसे संवेदनशील जनहित विभाग में जिम्मेदार और सक्रिय नेतृत्व अत्यंत आवश्यक है।
इस बीच, प्रमा पांडेय की मुख्य अभियंता के पद पर नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 30 जून को मुख्य अभियंता आई. के. त्रिपाठी के रिटायरमेंट के तुरंत बाद प्रमा पांडेय को आनन-फानन में यह जिम्मेदारी सौंप दी गई, जबकि वे पहले विजिलेंस में पदस्थ थीं।
वहीं सिंगरौली में अधीक्षण अभियंता भी सेवानिवृत्त हुए लेकिन वहां अब तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई। इसी तरह सागर से एक अधिकारी को रीवा भेजा गया, पर सागर के रिक्त पद को नहीं भरा गया।
अब सवाल उठता है कि रीवा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ऐसे अधिकारी को मुख्य अभियंता क्यों बनाया गया जो न तो शारीरिक रूप से पूर्णत: सक्षम हैं और न ही फील्ड अनुभव में सक्रिय दिखती हैं? विभाग का काम प्रभावित होना स्वाभाविक है।
जनहित में मांग
जनता की ओर से यह मांग जोर पकड़ रही है कि रीवा संभाग में जल्द से जल्द एक अनुभवी, सक्रिय और दक्ष अधिकारी की नियुक्ति की जाए तथा संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, जिससे बिजली संकट का समाधान हो और किसानों सहित आमजन को राहत मिल सके।


