वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे पर नवआरक्षकों को दी गई आत्महत्या रोकथाम और तनाव प्रबंधन की जानकारी
रीवा।
वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के अवसर पर मंगलवार को पुलिस प्रशिक्षण शाला (पीटीएस), रीवा में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता हेतु एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षु नवआरक्षक तथा पीटीएस स्टाफ ने सहभागिता की। मानसिक स्वास्थ्य विषयक इस सेमिनार के साथ ही एक शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया।
सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय, रीवा के मनोचिकित्सक एवं मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ. राबिन गोयल तथा पीटीएस रीवा की यूनिट डॉक्टर डॉ. प्रीति मिश्रा शामिल रहीं।
अपने उद्बोधन में डॉ. राबिन गोयल ने आत्महत्या की प्रवृत्तियों पर गहराई से प्रकाश डालते हुए इसके मुख्य कारणों, लक्षणों एवं बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को तोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि मन की बात साझा करना कमजोरी नहीं, बल्कि समझदारी है।
इस दौरान उन्होंने नेशनल हेल्पलाइन नंबर ‘टेली-मानस – 14416’ और मोबाइल एप ‘मनहित’ के उपयोग की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी।
कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को जीवन के महत्व को समझाते हुए मानसिक मजबूती बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी साथी में मानसिक तनाव के लक्षण दिखें, तो उसकी समय रहते मदद करना और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना आवश्यक है।
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग उन चुनिंदा क्षेत्रों में शामिल है, जहां वर्कलोड और मानसिक तनाव अत्यधिक रहता है। इसके चलते चिंता, अवसाद, कुंठा और आत्महत्या जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस चुनौतीपूर्ण माहौल के मद्देनज़र पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा समय-समय पर मानसिक स्वास्थ्य एवं तनाव प्रबंधन को लेकर सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित कराए जाते हैं, ताकि पुलिसकर्मी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर जनसेवा में समर्पित रह सकें।
प्रशिक्षण शाला के अधिकारियों ने इस पहल को सराहनीय बताया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की आवृत्ति बढ़ाए जाने की आवश्यकता जताई।


