बारिश में भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े भारी वाहन, प्रशासन की नींद हादसे के बाद ही खुलती है।
रीवा।
प्रयागराज-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर इन दिनों नियमों की खुली धज्जियां उड़ रही हैं। हाईवे पर भारी वाहनों की अनाधिकृत पार्किंग अब आम हो चली है। खासकर बारिश के मौसम में जब दृश्यता कम और सड़कें फिसलन भरी होती हैं, तब यह खुलेआम मौत को दावत देने जैसा है।
रायपुर, गंगेव, मनगवा और कतरा के बीच जगह-जगह ट्रक और भारी वाहन मुख्य सड़क पर ही खड़े रहते हैं। इससे न केवल दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है, बल्कि हाईवे की गति और संरचना दोनों प्रभावित होती है।
बारिश में बढ़ता खतरा, प्रशासन बेखबर
हाईवे पर भारी वाहनों का खड़ा होना सड़क सुरक्षा नियमों के तहत स्पष्ट रूप से वर्जित है। फिर भी इन इलाकों में रोजाना दर्जनों ट्रक सड़क पर खड़े दिखाई देते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते वर्षों में कई गंभीर सड़क हादसे इसी वजह से हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस और स्थायी समाधान नहीं निकला है।
सवालों के घेरे में पुलिस और परिवहन विभाग
यह स्थिति यह बताती है कि या तो स्थानीय पुलिस पेट्रोलिंग नहीं हो रही, या फिर वह जानबूझकर आंख मूंदे बैठी है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन को दुर्घटनाएं होने के बाद ही चेतना आता है?
क्या कहता है नियम?
राष्ट्रीय राजमार्ग परवाहन खड़ा करना दंडनीय अपराध है।भारी वाहनों को निर्धारित पार्किंग क्षेत्र में ही खड़ा किया जा सकता है।किसी भी परिस्थिति में मुख्य सड़क पर रुकना, खड़ा होना या अवरोध उत्पन्न करना वर्जित है।
स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई की भूमिका पर उठते सवाल
इन परिस्थितियों में यह आवश्यक है किप्रशासन सतर्क हो,ट्रैफिक विभाग गश्त बढ़ाए,और अवैध पार्किंग पर चालानी कार्रवाई तत्काल प्रभाव से शुरू हो।
जनता की मांग: अब जागिए, इससे पहले कि कोई और हादसा हो
स्थानीय लोगों और राहगीरों की मांग है कि प्रशासन इस मुद्दे पर महज कागजी खानापूर्ति न करे, बल्कि जमीन पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करे।
अधिकारी यह न भूलें कि जब कोई हादसा होता है, तो सिर्फ आंकड़े नहीं बढ़ते किसी का घर उजड़ता है।


