रीवा।
रीवा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विंध्य के “सफेद शेर” कहे जाने वाले स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापित करने का कार्य रोके जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रीवा जिला कांग्रेस अध्यक्ष इंजीनियर राजेंद्र शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि यह भाजपा की संकुचित मानसिकता और दबाव की राजनीति का परिणाम है।
गरीबों की आवाज़ दबाने वालों ने रोकी प्रतिमा
राजेंद्र शर्मा ने कहा कि श्रीनिवास तिवारी ने अपना पूरा जीवन गरीबों, शोषितों और वंचितों की आवाज़ उठाने में समर्पित किया। उन्होंने कहा कि “जिनके घर का दरवाज़ा 24 घंटे जनता के लिए खुला रहता था, आज उन्हीं की प्रतिमा के लिए 10×10 फीट की जमीन भी जिला प्रशासन उपलब्ध नहीं करा पा रहा।”
कांग्रेस का आरोप भाजपा का दबाव प्रशासन पर

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजेंद्र शर्मा ने कहा कि नगर परिषद ने सर्वसम्मति से श्रीनिवास तिवारी और महाराजा मार्तंड सिंह की प्रतिमाएं लगाने का प्रस्ताव पारित किया था। सभी विभागों से एनओसी मिलने के बाद कार्य प्रारंभ हुआ, लेकिन कुछ दिनों बाद पुलिस अधिकारियों ने आकर उसे रोक दिया।
उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष का दबाव बनाकर प्रशासन प्रतिमा नहीं लगने दे रहा है। यदि यह प्रतिमा किसी भाजपा नेता की होती तो बिना किसी अड़चन के काम पूरा हो जाता।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला
कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कहा कि प्रस्तावित प्रतिमा सड़क के बीच में नहीं बल्कि किनारे लगाई जानी थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का कोई उल्लंघन नहीं हो रहा था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विवेकानंद जी और दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रतिमाएं पहले से ही सरकारी भूमि पर स्थापित हैं, तो फिर श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा क्यों रोकी जा रही है?
भाजपा पर संकुचित सोच का आरोप
राजेंद्र शर्मा ने भाजपा सरकार और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पर आरोप लगाया कि “यह सब उनकी संकीर्ण सोच और राजनीतिक द्वेष का परिणाम है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि श्रीनिवास तिवारी जैसी महान विभूति की स्मृति को सम्मान मिले।
मुख्यमंत्री तक ले जाने की चेतावनी
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यदि शीघ्र ही प्रतिमा स्थापना का कार्य पुनः प्रारंभ नहीं हुआ तो यह मुद्दा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने मजबूती से उठाया जाएगा।


